सरस्वती कुमारी बनी प्रधानमंत्री जबकि हिमांशु कुमार बने उप प्रधानमंत्री.

मध्य विद्यालय पिलछी में बाल संसद का चुनाव कराया गया. प्रधानमंत्री के रूप में सरस्वती कुमारी का चयन किया गया, जबकि हिमांशु कुमार उप प्रधानमंत्री चुने गये.बताया गया कि चुनाव बिल्कुल संसदीय तरीके से कराया गया. चंदा सिंह को चुनाव प्रभारी बनाते हुए उनके नेतृत्व में मुक्ता सोनी,कान्ती कुमारी, किसलय मनोहर शर्मा, कुमारी सबिता, संजीव कुमार आदि की टीम बनाई गई. फिर बच्चों से विभिन्न पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया. स्क्रूटनी में प्रधानमंत्री पद के सभी छ: उम्मीदवार एवं मंत्री पद के लिए 23 उम्मीदवार घोषित किए गये.दूसरे दिन मतदान की प्रक्रिया प्रारंभ की गई.बच्चे पंक्तिबद्ध होकर के वोट दे रहे थे. जबकि पीठासीन पदाधिकारी, प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय मतदान पदाधिकारी के रूप में बच्चे ही अपना योगदान देते रहे.कार्यक्रम की शुरुआत प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी विकास कुमार द्वारा फीता काटकर किया गया.मौके पर पीरामल फाउंडेशन के प्रखंड समन्वयक राहुल , मास्टर ट्रेनर रामाकांत सिंह, बिजेंद्र सिंह, मृदुला कुमारी सिन्हा, बीआरसी लेखपाल अमरेश कुमार उपस्थिति थे.कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाध्यापक डॉ अशोक कुमार ने किया ,जबकि मंच संचालन संजीव कुमार ने किया.बच्चे काफी मजे लेकर गंभीरता पूर्वक चुनाव में अपना वोट दे रहे थे. चुनाव समाप्ति के पश्चात् उसकी गिनती कराई गई.प्रधानमंत्री के उम्मीदवार सरस्वती कुमारी को सर्वाधिक 30 वोट मिले.हिमांशु कुमार 19, अंजली कुमारी 14, पूजा कुमारी 10 ,सीमा कुमारी सात और रागिनी कुमारी को 2 वोट मिले.इस प्रकार सरस्वती कुमारी 11 वोटो से प्रधानमंत्री पद के लिए विजयी घोषित की गई. हिमांशु कुमार को उप प्रधानमंत्री बनाया गया.मंत्री पद के रूप में 23 उम्मीदवार थे.उनमें अंजली कुमारी को सर्वाधिक 12 वोट, चंचला कुमारी सात, खुशी कुमारी को सात, सुजाता कुमारी को छह, गुंजन कुमारी एवं रूबी कुमारी को चार वोट मिले. उप मंत्री के रूप में मोहम्मद कौनेन आलम, विवेक कुमार , स्नेहा कुमारी, सलोनी कुमारी, खुशी कुमारी एवं नंदनी कुमारी का चयन किया गया.बच्चों ने इस पूरी मतदान प्रक्रिया के तहत संसदीय प्रणाली में किस प्रकार चुनाव होता है इसकी पूरी जानकारी प्राप्त की. संबोधित करते हुए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि बाल संसद की भूमिका विद्यालय के विकास में बहुत ही अहम होती है. यदि बच्चे चाहें तो विद्यालय का सर्वांगीण विकास हो सकता है. प्रधानाध्यापक ने कहा कि शिक्षकों एवं बच्चों के प्रयास से ही विद्यालय निरंतर अपने विकास की ओर अग्रसर है और शिक्षा में उत्तरोत्तर विकास कर रहा है.नवनिर्वाचित बाल संसद की जिम्मेवारी अब और भी बढ़ गई है.