"औरंगाबाद हूँ "

"औरंगाबाद हूँ "
"औरंगाबाद हूँ "

औरंगाबाद हूँ

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मैं औरंगाबाद हूँ। 
सवालों और जवाबों के बीच हमेशा आबाद हूँ। 
मैं औरंगाबाद हूँ। 

देव,उमगा,देवकुंड। 
अदरी,बटाने,सोन,पुनपुन
बाण और मयूर का साहित्य संवाद हूँ। 
मैं औरंगाबाद हूँ। 

सात शहीदी सम्मान,  
बिहार विभूति से विभूषित
इतिहास के साथ 
अतीत का गंभीर नाद हूँ। 
मैं औरंगाबाद हूँ।

शाहपुर से विराटपुर, 
नावागढ़ से टिकरी, 
सिन्हा कॉलेज से जसोईया, 
आबादी के बीच आबाद हूँ।  
मैं औरंगाबाद हूँ। 

रमेश चौक हूँ,कचहरी हूँ।  
मदरसा मार्किट हूँ, 
शाहपुर मोड़ हूँ। 
अनुग्रह नारायण रोड हूँ, 
जीटी रोड का लोड हूँ।   
हिलता नहीं,हिलाने वाला दिलशाद हूँ। 
मैं औरंगाबाद हूँ।

विचारों की खेती या हो अनाज की
संगीत साहित्य उद्यम बुनियाद की।
विकास के आकाश का पंछी आजाद हूँ।
मैं औरंगाबाद हूँ।

सवाल हूँ,जवाब हूँ,वक्त पर इंकलाब हूँ। 
मगध का सबूत हूँ,बिहार का गवाह हूँ। 
पारखी विचारों से एक सार्थक अपवाद हूँ। 
मैं औरंगाबाद हूँ।

(राजेंद्र पाठक )