Sityog Institute of Technology में एक दिवसीय हेल्थ अवेयरनेस कार्यक्रम आयोजित, देश के दिग्गज डॉक्टरों ने लोगों को किया जागरुक

शिक्षा के क्षेत्र में अपने नाम का परचम लहरा रहे Sityog Institute of Technology ने आम-आवाम को उनकी सेहत के प्रति जगरूक करने के लिए एक दिवसीय हेल्थ अवेयरनेस कार्यक्रम का आयोजन किया।

Sityog Institute of Technology में एक दिवसीय हेल्थ अवेयरनेस कार्यक्रम आयोजित, देश के दिग्गज डॉक्टरों ने लोगों को किया जागरुक
शिक्षा के क्षेत्र में अपने नाम का परचम लहरा रहे Sityog Institute of Technology ने आम-आवाम को उनकी सेहत के प्रति जगरूक करने के लिए एक दिवसीय हेल्थ अवेयरनेस कार्यक्रम का आयोजन किया।

औरंगाबादः शिक्षा के क्षेत्र में अपने नाम का परचम लहरा रहे सीतयोग इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Sityog Institute of Technology) ने आम-आवाम को उनकी सेहत के प्रति जगरूक करने के लिए एक दिवसीय हेल्थ अवेयरनेस कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का थीम था हेल्दी यूथ, हेल्दी फ्यूचर। इस अवेयरनेस कार्यक्रम में देश की अग्रणी चिकित्सा संस्थान अपोलो ने मुख्यरूप से सहभागिता निभाई।

कार्यक्रम में  जाने-माने नेफ्रोल़जिस्ट डॉ हर्षवर्धन, डॉ बीके सिंह, गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ साकेत, ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ अभिषेक कुमार दास और ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ रवि शंकर ने अपने वकतव्यों से लोगों को जागरुक किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीतयोग इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के अध्यक्ष कुमार योगेन्द्र नरायण सिंह ने की, जबकि कार्यक्रम को संरक्षण संस्थान के सचिव राजेश कुमार सिंह प्रदान की। इस मौके पर संस्थान निदेशक (प्रो) डॉ. एस के झा सभी शिक्षक व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

 इस मौके पर उपस्थित सभी दिग्गज डॉक्टरों ने जहां अपने-अपने क्षेत्र से जुड़े अनुभवों को लोगों के साथ साझा किया और उन्हें स्वस्थ रहने के मूलतंत्र दिए, वहीं सीतयोग इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के अध्यक्ष कुमार योगेन्द्र नरायण सिंह ने सभी डॉक्टरों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि स्वास्थ्य इंसान की सबसे बड़ी दौलत है और उस दौलत को सहेजने की कला एक डॉक्टर ही बता सकता है। इंसान का शरीर क़ुदरत की देन है लेकिन जब वह किसी बिमारी का शिकार हो जाता है तो उससे निजात दिलाने के लिए एक डॉक्टर की जरूरत होती है, इसलिए डॉक्टर धरती के भगवान कहे जाते हैं। आज के दौर में जिस तरह से बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ते जा रहा है, ऐसे में एक डॉक्टर की बात को गंभीरता सुनना, समझना और उसका अनुसरण करना बेहद जरूरी है।