हर्सोल्लास के साथ ईद-उल-फितर संपन्न

प्रखंड में सोमवार को ईद-उल-फितर का त्योहार बड़े उत्साह व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सुबह से ही लोग नए कपड़ों में सजे-धजे ईदगाह व मस्जिदों में पहुंचे। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने नमाज अदा की और एक-दूसरे को गले लगकर ईद की मुबारकबाद दी। हसपुरा ईदगाह, पुरानी मस्जिद, हसपुरा डीह, बाजार मस्जिद, नूरी मस्जिद, मिलत क्लोनी, खानकाह मोहम्मदिया कादरिया, पूरानी ईदगाह, अमझर शरीफ,गहना मस्जिद,पिरु ईदगाह, रघुनाथपुर ईदगाह समेत विभिन्न गांवों के मस्जिदों में ईद की नमाज अदा अदा की गई।इसके साथ ही लोगो ने एक-दूसरे को गले मिल कर ईद की मुबारकवाद दिया। अल्लाह से सबकी सलामती की गुजारिश किया। विभिन्न समाजिक संगठनों द्वारा ईद मिलन समारोह का आयोजन किया गया।पर्व को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिये प्रशासन के अधिकारी भी मुस्तैद दिखे। नमाज के समय पर सभी मस्जिदों व विभिन्न चिन्हित स्थानों पर पुलिस बल एवं दंडाधिकारी की तैनाती की गई थी।विधि व्यवस्था को लेकर सुबह से शाम तक प्रशासन जगह जगह पर निगरानी करते देखे गए।जिला पार्षद प्रतिनिधि मो एकलाख खान,पूर्व प्रमुख आरिफ रिजवी,मुखिया फुरकान खान, अताउल्लाह खान, शिक्षक मो शमसेर आलम,इजहार अहमद,तौवाब खान,तालिब खान,जलाल खान ने इस पर्व की महत्ता पर प्रकाश डाला। ऐसा माना जाता है कि इसी महीने में ही कुरान-ए-पाक का अवतरण हुआ था। चांद के दीदार के अगले दिन ईद मनाने का रिवाज है। पहली ईद सन् 624 ई. में पैगंबर मुहम्मद ने मनाई थी। सभी आपस में मिल के मनाते है। खुदा से सुख-शांति व बरक्कत के लिए दुआएं मांगते हैं।