Ramgarh News: चितरपुर के छात्र ने नेत्रहीनों के लिए बनायी स्मार्ट छड़ी, ठोकर के 2 फीट पहले ही बजने लगेगा बजर
चितरपुर (रामगढ़), सुरेंद्र कुमार/शंकर पोद्दार: इनोवेशन सेंटर चितरपुर के छात्र मोहम्मद साद ने नेत्रहीन लोगों के लिए स्मार्ट स्टीक बनाया है. छात्र ने इस स्मार्ट स्टीक का निर्माण प्रोजेक्ट त्रिनेत्र के तहत किया है, जो नेत्रहीनों को रास्ता बताने में मदद करेगा. इतना ही नहीं रास्ते में कहीं ठोकर हो तो वह भी इसमें लगे सेंसर की मदद से पता चल जाएगा.दो फीट पहले ही मिल जाएगी ठोकर की सूचनाइस स्मार्ट छड़ी के बारे में छात्र ने बताया कि इसके निर्माण में आरडीनो, यूनो, अल्ट्रासोनिक सेंसर, बजर जंपर वायर, बैट्री और स्टीक के लिए पीबीसी पाइप का उपयोग किया गया है. इस स्टीक को लेकर कोई नेत्रहीन चलता है, तो उसे दो फीट पहले ही किसी रुकावट, ठोकर या बाधा का पता चल जायेगा, क्योंकि बजर बजने लगेगा. इस तरह नेत्रहीन किसी से टकराने से बच जायेंगे. छात्र ने कहा कि वह इसके लुक में सुधार कर बड़े पैमाने पर इस स्टिक का प्रोडक्शन करना चाहता है, ताकि इसका लाभ देश के नेत्रहीनों को मिल सके.नई दिल्ली के विश्व पुस्तक मेले में रामगढ़ ने दर्ज करायी उपस्थिति, शिक्षा की बेहतरी पर लिखी किताब की डिमांडस्मार्ट स्टीक बनाने में इनका भी योगदानस्मार्ट स्टिक के निर्माण में सेंटर के निदेशक फैयाज अहमद, समन्वयक तौकीर एहसान खान, वसीम हसन और कमर सिद्विक का भी योगदान है. निदेशक अहमद ने बताया कि इनोवेशन सेंटर की स्थापना एक साल पहले हुई थी, जिसमें बच्चों में सृजनात्मक क्षमता, व्यवहारिक समस्या, समाधान, कौशल विकास एवं नवाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है.रजरप्पा के विक्रांत ने क्षेत्र का नाम किया रोशन, भारतीय सेना में बने लेफ्टिनेंटक्या कहते हैं सेंटर के निदेशकसेंटर के निदेशक ने बताया कि प्रोजेक्ट त्रिनेत्र के डिजाइन प्रोटोटाइप, प्रोडक्शन एवं मार्केटिंग पर कार्य किया जा रहा है, ताकि यह नेत्रहीनों तक पहुंच सके. उन्होंने बताया कि केंद्र के उद्देश्य के अनुसार यह एक अच्छी और बड़ी पहल है. छात्र की इस उपलब्धि पर सेंटर के सना उल्लाह, गुलअफशा खातून, बुशरा खातून सहित कई ने बधाई दी है.
चितरपुर (रामगढ़), सुरेंद्र कुमार/शंकर पोद्दार: इनोवेशन सेंटर चितरपुर के छात्र मोहम्मद साद ने नेत्रहीन लोगों के लिए स्मार्ट स्टीक बनाया है. छात्र ने इस स्मार्ट स्टीक का निर्माण प्रोजेक्ट त्रिनेत्र के तहत किया है, जो नेत्रहीनों को रास्ता बताने में मदद करेगा. इतना ही नहीं रास्ते में कहीं ठोकर हो तो वह भी इसमें लगे सेंसर की मदद से पता चल जाएगा.
दो फीट पहले ही मिल जाएगी ठोकर की सूचना
इस स्मार्ट छड़ी के बारे में छात्र ने बताया कि इसके निर्माण में आरडीनो, यूनो, अल्ट्रासोनिक सेंसर, बजर जंपर वायर, बैट्री और स्टीक के लिए पीबीसी पाइप का उपयोग किया गया है. इस स्टीक को लेकर कोई नेत्रहीन चलता है, तो उसे दो फीट पहले ही किसी रुकावट, ठोकर या बाधा का पता चल जायेगा, क्योंकि बजर बजने लगेगा. इस तरह नेत्रहीन किसी से टकराने से बच जायेंगे. छात्र ने कहा कि वह इसके लुक में सुधार कर बड़े पैमाने पर इस स्टिक का प्रोडक्शन करना चाहता है, ताकि इसका लाभ देश के नेत्रहीनों को मिल सके.
स्मार्ट स्टीक बनाने में इनका भी योगदान
स्मार्ट स्टिक के निर्माण में सेंटर के निदेशक फैयाज अहमद, समन्वयक तौकीर एहसान खान, वसीम हसन और कमर सिद्विक का भी योगदान है. निदेशक अहमद ने बताया कि इनोवेशन सेंटर की स्थापना एक साल पहले हुई थी, जिसमें बच्चों में सृजनात्मक क्षमता, व्यवहारिक समस्या, समाधान, कौशल विकास एवं नवाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है.
क्या कहते हैं सेंटर के निदेशक
सेंटर के निदेशक ने बताया कि प्रोजेक्ट त्रिनेत्र के डिजाइन प्रोटोटाइप, प्रोडक्शन एवं मार्केटिंग पर कार्य किया जा रहा है, ताकि यह नेत्रहीनों तक पहुंच सके. उन्होंने बताया कि केंद्र के उद्देश्य के अनुसार यह एक अच्छी और बड़ी पहल है. छात्र की इस उपलब्धि पर सेंटर के सना उल्लाह, गुलअफशा खातून, बुशरा खातून सहित कई ने बधाई दी है.