क़ब्रिस्तान की घेराबंदी के विवाद पर आक्रोशित लोगों से मिले लोजपा नेता प्रमोद कुमार सिंह

क़ब्रिस्तान की घेराबंदी के विवाद पर आक्रोशित लोगों से मिले लोजपा नेता प्रमोद कुमार सिंह

औरंगाबाद जिले के रफ़ीगंज प्रखंड के कजपा पंचायत के ग्राम जाखिम में आम गरमनजुरवा स्थान पर क़ब्रिस्तान की घेराबंदी की जा रही थी। यह स्थान वर्षों से गाँव के सभी समुदायों के लिए साझा और सार्वजनिक उपयोग की भूमि रही है। जब इस भूमि को एकपक्षीय रूप से क़ब्रिस्तान घोषित कर घेराव शुरू किया गया तो गाँव के तमाम लोगों ने एकजुट होकर इसका विरोध किया।ग्रामीणों के सूचना पर लोजपा प्रदेश महासचिव सह रफीगंज विधानसभा प्रत्याशी प्रमोद कुमार सिंह गाँव पहुंचे और वहाँ मौजूद सभी ग्रामीणों से संवाद किया। लोगों की भावनाओं को समझते हुए और शांति बनाए रखते हुए उन्होंने सभी पक्षों को यह स्पष्ट किया कि गरमनजुरवा आमजमीन है जिस पर हर वर्ग का समान अधिकार है। ऐसे में बिना समुचित विचार-विमर्श और कानूनी प्रक्रिया के इस पर किसी एक पक्ष का कब्जा न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि इस विषय पर सर्वसम्मति बने और किसी भी प्रकार का विवाद या विभाजन गाँव में न हो। इसलिए मैंने सभी से निवेदन किया कि प्रशासन से विचार-विमर्श कर दस्तावेज़ों की पुष्टि के बाद ही आगे की कोई कार्यवाही हो। और दलित महिला पुरुष से बातचित कर पूरी घटना से जानकारी ली तत्पश्चात प्रभारी अंचलाधिकारी रामकुमार रमन से टेलीफोनिक माध्यम से बात कर एन ओ सी को जल्द से जल्द रद करने की बात कही और काम रोकवाने का की मांग की।  ठेकेदार से भी बातचीत कर काम बंद करने की बात कहा तो ठेकेदार ने काम बंद रखने का आश्वाशन दिया। उन्होंने ने कहा कि विधायक नेहालुद्दीन सिर्फ एक समुदाय को बढावा दे रहे हैं सिर्फ और सिर्फ कब्रिस्तान घेराबंदी पर विशेष कार्य कर रहे हैं। उन्होंने ने कहा कि बटोगे तो कटोगे सभी हिन्दू समाज एकजुट रहे।महादलित लोगों ने कहा कि हम लोगों के लिए सिर्फ एक ही चापकल है जिसमें एक समुदाय के द्वारा बालू छड़ी एवं चापकल के मुंडा को तोड़ दिया गया है और बोलता है कि जब कब्रिस्तान का घेराबंदी हो जाएगा तो तुम लोगों को दौड़ा दौड़ा कर मारेंगे। इस मौके पर अनिल मिश्रा, सरपंच समदर्शी सिंह,शशिभूषण मिश्रा, संजय सिंह सुनीता देवी, नदिया देवी, द्वितीया देवी, बसंती देवी, कौशल्या देवी, जवाहर यादव, रविंद्र मेहता, हसन पासवान, शमशेर महतो, राहुल कुमार, राकेश कुमार, राकेश रिकियासन, दीप नारायण पासवान, गुड्डू साव, श्रुति देवी ज्ञांती देवी, रामरती देवी, मुनर्वा कुंवर के साथ सैकड़ों महादलित महिला पुरुष मौजूद रहे।