श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन भागवत महात्म्य पर चर्चा

प्रखंड के पुंदौल नहर कॉलोनी में चल रहे संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन सोमवार की संध्या वाराणसी धाम से पधारी कथावाचिका किशोरी संजू उपाध्याय ने कहा कि कथा सुनना समस्त दान, व्रत, तीर्थ, पुण्यादि कर्मो से बढ़कर है। दूसरे दिन कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि धुन्धकारी जैसे प्रेतआत्मा का उद्धार हो जाता है। उन्होंने कहा कि भागवत के चार अक्षर इसका तात्पर्य यह है कि भा से भक्ति, ग से ज्ञान, व से वैराग्य और त त्याग जो हमारे जीवन में प्रदान करे उसे हम भागवत कहते है। इसके साथ साथ निष्काम भक्ति, 24 अवतार श्री नारद जी का पूर्व जन्म, परीक्षित जन्म, कुन्ती देवी की याचना, भीष्म पितामह का प्रभु दर्शन के साथ परीक्षित को श्राप कैसे लगा तथा भगवान श्रीशुकदेव उन्हे मुक्ति प्रदान करने के लिये कैसे प्रगट हुये इत्यादि कथाओं का संगीत के माध्यम से भावपूर्ण वर्णन किया। इस मौके पर मुख्य यजमान नागेंद्र पांडेय व उनकी पत्नी मनोरमा देवी, बलदेव पांडेय, मानकी देवी, पूर्व उप प्रमुख सुप्रिया देवी, पवन पांडेय, गोरा पांडेय, भाजपा जिला उपाध्यक्ष दीपक उपाध्याय, अंजनी उपाध्याय, मंडल महामंत्री बिकू त्रिपाठी, समाजसेवी रामआज्ञा मिश्रा सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।