Rahul Gandhi Modi Defamation Case: कौन हैं पूर्णेश मोदी? जिनकी याचिका पर राहुल गांधी को हुई 2 साल की सजा

Rahul Gandhi Modi Surname Defamation Case: मोदी सरनेम पर कथित टिप्पणी के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी करार दिया गया है. गुजरात में सूरत की एक अदालत ने राहुल को दोषी ठहराते हुए उन्हें 2 साल जेल की सजा सुनायी है. वैसे, इस मामले में राहुल गांधी को तुरंत जमानत मिल गई. आपको बता दें कि यह मामला 2019 का है. राहुल गांधी के खिलाफ गुजरात से भाजपा के विधायक पूर्णेश मोदी ने इस मामले में क्रिमिनल डिफेमेशन यानी आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था.राहुल गांधी के खिलाफ मामला क्या था ?केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा के विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज करायी थी. शिकायत के मुताबिक, 13 अप्रैल 2019 को राहुल गांधी कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे और उसी दौरान उन्होंने कथित टिप्पणी की थी. शिकायत में यह कहा गया कि राहुल गांधी ने उस चुनावी सभा में नरेंद्र मोदी, नीरव मोदी और ललित मोदी पर निशाना साधते हुए 'मोदी' सरनेम के विरुद्ध आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था.Rahul Gandhi LIVE: मोदी सरनेम मामला, जाएगी राहुल गांधी की संसद सदस्यता? बोलीं प्रियंका- न डरे हैं, न डरेंगे पूर्णेश मोदी ने कहा था- आखिरी सांस तक लड़ेंगे लड़ाईकांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला सूरत पश्चिम के विधायक पूर्णेश मोदी ने दर्ज कराया था. पूर्णेश का कहना था कि राहुल गांधी ने हमारे समाज के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था. चुनावी सभा में हमारे खिलाफ आरोप लगाये गए, जिससे हमारी और समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची. इसी के चलते हम इस मामले को कोर्ट में लेकर आये. हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और हम आखिरी सांस तक लड़ेंगे.राहुल गांधी इन धाराओं के तहत दोषी करारराहुल गांधी के विरुद्ध यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत अक्टूबर 2019 में दर्ज कराया गया था. इस केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए थे. आखिरी बार अक्टूबर 2021 की पेशी के दौरान उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था. राहुल को आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत दोषी करार दिया गया है. इसमें 2 साल की सजा का प्रावधान है. राहुल के वकील ने कोर्ट से कहा- इस पूरी घटना में कोई घायल नहीं हुआ. इससे किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, इसलिए हम किसी तरह की दया की याचना नहीं करते हैं.

Rahul Gandhi Modi Defamation Case: कौन हैं पूर्णेश मोदी? जिनकी याचिका पर राहुल गांधी को हुई 2 साल की सजा

Rahul Gandhi Modi Surname Defamation Case: मोदी सरनेम पर कथित टिप्पणी के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी करार दिया गया है. गुजरात में सूरत की एक अदालत ने राहुल को दोषी ठहराते हुए उन्हें 2 साल जेल की सजा सुनायी है. वैसे, इस मामले में राहुल गांधी को तुरंत जमानत मिल गई. आपको बता दें कि यह मामला 2019 का है. राहुल गांधी के खिलाफ गुजरात से भाजपा के विधायक पूर्णेश मोदी ने इस मामले में क्रिमिनल डिफेमेशन यानी आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था.

राहुल गांधी के खिलाफ मामला क्या था ?

केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा के विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज करायी थी. शिकायत के मुताबिक, 13 अप्रैल 2019 को राहुल गांधी कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे और उसी दौरान उन्होंने कथित टिप्पणी की थी. शिकायत में यह कहा गया कि राहुल गांधी ने उस चुनावी सभा में नरेंद्र मोदी, नीरव मोदी और ललित मोदी पर निशाना साधते हुए 'मोदी' सरनेम के विरुद्ध आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था.

पूर्णेश मोदी ने कहा था- आखिरी सांस तक लड़ेंगे लड़ाई

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला सूरत पश्चिम के विधायक पूर्णेश मोदी ने दर्ज कराया था. पूर्णेश का कहना था कि राहुल गांधी ने हमारे समाज के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था. चुनावी सभा में हमारे खिलाफ आरोप लगाये गए, जिससे हमारी और समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची. इसी के चलते हम इस मामले को कोर्ट में लेकर आये. हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और हम आखिरी सांस तक लड़ेंगे.

राहुल गांधी इन धाराओं के तहत दोषी करार

राहुल गांधी के विरुद्ध यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत अक्टूबर 2019 में दर्ज कराया गया था. इस केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए थे. आखिरी बार अक्टूबर 2021 की पेशी के दौरान उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था. राहुल को आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत दोषी करार दिया गया है. इसमें 2 साल की सजा का प्रावधान है. राहुल के वकील ने कोर्ट से कहा- इस पूरी घटना में कोई घायल नहीं हुआ. इससे किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, इसलिए हम किसी तरह की दया की याचना नहीं करते हैं.