जमीन का उचित मुआवजा नही मिलने पर किसानों ने किया बराज का कार्य स्थगित।

मंगलवार को प्रखंड के हमीदनगर स्थित पुनपुन बराज परियोजना कार्य को किसानों ने अपनी उचित मुआवजा न मिलने पर एक बार फिर से स्थगित कर दिया है। इधर कार्यपालक अभियंता राजू कुमार ने महेश परासी के किसानों को कार्य में बाधा डालने वाले पर मुकदमा दर्ज करने की बात कही। वैसे ही जिला परिषद क्षेत्र संख्या 6 के जिप प्रतिनिधि श्याम सुंदर ने कहा कि किसान फर्जी मुकदमा झेल लेंगे। जेल जीवन देख लेंगे। लेकिन बिना उचित मुआवजा लिये काम नहीं होने देंगे। गौरतलब हो कि किसानों के अधिग्रहित जमीनों का बिना मुआवजा दिये तटबंध का कार्य किया जा रहा था। इसका विरोध करने पहुंचे किसानों को अधिकारियों ने धमकाया-काम रोकना सरकारी कार्य में बाधा उतपन्न करने पर मुकदमा दर्ज करने की बात कही गई, यही नहीं, अधिकारियों ने 10 लोगों का नाम भी अपनी डायरी में दर्ज कर लिया है। इस वर्ष खानापूर्ति ही सही, अबतक किसान प्रतिनिधियों के साथ तीन बैठकें हुईं हैं। तीनों बैठक बेनतीजा रहा। आनन-फानन में बुलाई गई बैठक में कई किसान पहुंचे ही नहीं। अगली बैठक तीन मई को हमीदनगर में होनी है। कल मीरपुर में आयोजित बैठक में पहुंचे भूअर्जन अधिकारियों के पास कोई कागजात तक नहीं था। इसी से सरकार की गंभीरता समझी जा सकती है। सरकार की गंभीरता तो इस बात से भी समझी जा सकती है कि पिछले 15 वर्षों से बराज का कार्य लंबित है। किसान अपनी आज के बाजार भाव से दाम की मांग कर रहे हैं, जमीन किसी का भुगतान किसी और का जैसे त्रुटिपूर्ण भुगतान, बगीचा का उचित मूल्य समेत अन्य बुनियादी सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। जिप प्रतिनिधि सह राजद नेता श्याम सुंदर ने कहा कि मुझे आशंका है किसान हित की बात करने पर अधिकारी एक बार फिर से फर्जी मुकदमें में फंसाएंगे। सचमुच सरकार किसान हित की बात करती है तो खुले मन से सारे विवाद सुलझाये। तब काम शुरू करे। भला बिहार लेनिन अमर शहीद जगदेव बाबू के सपना और लालू प्रसाद यादव द्वारा शिलान्यास किये हुए परियोजना के विरोधी किसान कैसे हो सकते हैं। किसान के विरोध के कारण प्रारंभ किए गए कार्य को तत्काल स्थगित कर दिया गया है तथा कार्य में बाधा डालने वालों के खिलाफ कार्यपालक अभियंता पुनपुन बराज प्रमंडल द्वारा उपहारा थाने में लिखित शिकायत दी गई है वही थानाध्यक्ष मनेश कुमार ने बताया कि आवेदन मिला है मामले की छानबीन की जा रही है।