भारत की साझी शहादत साझी विरासत की असली खूबसूरती आज भी.

भारत की साझी शहादत साझी विरासत की असली खूबसूरती आज भी.

भाकपा माले एवं अखिल भारतीय किसान महासभा के संयुक्त तत्वावधान में मौलाबग नगर भवन से साझी शहादत साझी विरासत न्याय मार्च निकाला गया.माले टाउन सचिव सह मीडिया प्रभारी बिरजु चौधरी ने एक प्रेस बयान जारी कर बताया कि यह मार्च नगर भवन से निकल कर लखन मोड़ ,मेन रोड, मगध होटल होते हुए बारुण रोड बस स्टैंड के पास सभा में तब्दील हो गई.सभा की अध्यक्षता बिरजू चौधरी ने किया.संबोधित करते हुए काराकाट सांसद एवं भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य, अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजाराम सिंह ने न्याय मार्च के संदर्भों को रखते हुए कहा कि आज हम आप सब, हमारी पार्टी भाकपा माले इस संकट की घड़ी में अपने देश के साथ हैं आज का दिन भारत का ऐतिहासिक दिन है. 10 मई 1857 में भारत की प्रथम स्वतंत्रता संग्राम अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए आजाद भारत के लिए वीर सपूतों ने अपनी प्राणों की आहुति दी थी. 1857 की लड़ाई में मंगल पांडेय, बहादुर शाह जफर, तात्या टोपे, कुंअर सिंह, नाना साहब, बख्त खां, लियाकत अली, रानी लक्ष्मी बाई, रानी अवंती बाई, हजरत महल बेगम, उदा देवी पासी, झलकारी बाई आदि लाखों गुमनामी शहीद हुए थे. असल में आज उन्हें याद करने और उनसे प्रेरणा लेने का दिन है.असल में यही भारत की साझी शहादत -साझी विरासत की असली खूबसूरती थी और आज भी है.हम सबों को मिलकर इस ऐतिहासिक दिन में साझी शहादत- साझी विरासत को बनाए रखने के लिए संकल्प लेने का दिन है.माले जिला सचिव मुनारिक राम ने कहा कि जनता का दिमाग भटका कर सारी योजनाएं पूंजीपतियों के पक्ष में बनाई जा रही है, जिसका नतीजा है कि बेरोजगारी चरम पर है. शिक्षा महंगी होती जा रही है.मजदूरों से बारह घंटा काम लिया जा रहा है. जनता को सावधान और सचेत रहने की जरूरत है और अपने हक के लिए लड़ने की जरूरत है.आज हम और हमारी पार्टी भाकपा माले संकट की घड़ी में अपने देश के साथ हैं.किसान नेता जनार्दन प्रसाद सिंह,कामता प्रसाद यादव ने भी संबोधित किया.मौके पर प्रखंड सचिव चन्द्रमा पासवान, सांसद प्रतिनिधि पिंटू सिंह,प्रखण्ड सांसद प्रतिनिधि राजकुमार भगत, कृष्णा सिंह, कयूम अंसारी, आइसा नेता विकास कुमार,राजद नगर अध्यक्ष मुन्ना अजीज,अलकारी देवी, बसंती देवी, फातमा खातून, रुस्तम खान, सलाहू अंसारी, सन्नी अंसारी, असलम अंसारी, कैस खान, औरंगजेब खान लतीफुर्र रहमान, उमेश बहेलिया, नारायण पासवान, ललन यादव, जयनंदन राम, रामाशीष राम, मनोज पंडित, नंदलाल तांती,खुर्रम अंसारी,रामशकल मेहता आदि उपस्थित थे.