अनुमंडल बनने के बाद विकास को मिले पंख, गौरवशाली इतिहास को याद करने का प्रयास

हैंड्स ऑफ प्रकाश चंद्रा द्वारा दाउदनगर अनुमंडल का 34वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया. टीम के संरक्षक एवं लोजपा( रामविलास) के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ प्रकाश चंद्रा ने दाउदनगर अनुमंडल को अनुमंडल का दर्जा दिलाने में अहम योगदान देने वाले पूर्व मंत्री रामविलास सिंह के विधिक संघ परिसर के पास स्थित स्मारक पर माल्यार्पण कर नमन किया.टीम के सदस्यों ने प्रभात फेरी निकाला. यह प्रभात फेरी अनुमंडल कार्यालय के पास से निकलकर भखरुआं मोड़,मौलाबाग, चावल बाजार होते हुए नगर पर्षद कार्यालय तक गया . डॉ प्रकाश चंद्रा ने कहा कि पूर्व मंत्री रामविलास सिंह ने अपने लंबे राजनीतिक जीवन में कभी भी जाति और धर्म का भेद नहीं किया. उन्होंने लोक सेवा को सदा भेद-भाव की परिधि से कोसों दूर रखा.रामविलास बाबू सौम्य विचार के धनी थे. जाति -पांति से ऊपर उठकर काम करते थे .सभी लोगों को साथ लेकर उनमें चलने की क्षमता थी. कई बार उन्होंने ओबरा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. बिहार सरकार में मंत्री रहे. उनके अथक प्रयास से दाउदनगर अनुमंडल बना.इसके बाद से यहां रोजगार सृजन के रास्ते खुले. आज के दौर में हम सभी को रामविलास बाबू जैसे नेता की कमी महसूस होती है. अब फिर से दाउदनगर को रामविलास बाबू जैसे राजनेता की जरूरत है. दाउदनगर में 1885 में स्थापित नगर पालिका है.बाद के समय में यह शहर विकास से काफी दूर था. अनुमंडल बनने के साथ ही विकास को पंख लगे. अनुमंडल स्तर के सभी पदाधिकारी के कार्यालय का निर्माण हुआ. अनुमंडल स्तर का सारा कार्य यहीं से होने लगा .रोजगार का सृजन हुआ. उन्होंने कहा कि वक्त के साथ लोग भूल चुके थे कि किनके प्रयास से अनुमंडल बना है. लेकिन कुछ वर्ष पहले तत्कालीन एसडीओ कुमारी अनुपम सिंह (वर्तमान में बक्सर एडीएम)के दिमाग में यह बात आई कि अनुमंडल का वार्षिकोत्सव मनाएं और 2022 में पहली बार उनके प्रयास से व्यवसाईयों के सहयोग से अनुमंडल का स्थापना दिवस मना ताकि नई पीढ़ी यह जान सके कि किन्होने अनुमंडल बनाया और अब तीन साल बाद पुनः वर्तमान एसडीओ मनोज कुमार के मार्गदर्शन में स्थापना दिवस मनाया जा रहा है. हम अपने गौरवपूर्ण इतिहास को याद कर रहे हैं. उन्होंने सभी से आग्रह करते हुए कहा कि यह शहर हम सबका है. इसलिए इसके रखरखाव, इसके साफ-सफाई पर ध्यान देना सरकार के साथ-साथ हम सभी का नैतिक कर्तव्य है .शहर को साफ -सुथरा रखने में अपना हर संभव योगदान दें एवं जाति धर्म के भेद-भाव से मुक्त एक समरस समाज का निर्माण करने की परिकल्पना को साकार करें.