मानदेय बढ़ाने की मांग.

मनरेगा योजना में तकनीकी सहयोग दे रहे प्रशिक्षित बीएफटी बेयर फूट टेक्नीशियन को विभागीय जिम्मेदारी सौंपने और मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर आवाज उठने लगी है। इस संबंध में ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री को एक पत्र सौंपा गया है, जिसमें विभागीय निदेशक के निर्देश के आलोक में कार्य का अवसर देने और सम्मानजनक मानदेय निर्धारित करने की मांग की गई है। जानकारी के अनुसार, बीएफटी का चयन विभाग द्वारा तकनीकी कार्यों के लिए किया गया था। चयन के उपरांत 90 दिनों का आवासीय प्रशिक्षण पटना एवं गया में कराया गया, जिसमें तकनीकी सर्वेक्षण, प्राक्कलन, रेखांकन, डिजाइन आदि की विधिवत जानकारी दी गई। सफल प्रशिक्षण के पश्चात भारत सरकार द्वारा परीक्षा लेकर प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया। इसके बावजूद इन्हें आज तक मनरेगा के तहत विभागीय कार्य नहीं सौंपा गया है। बीएफट की भूमिका को लेकर विभागीय पत्र संख्या 304887, दिनांक 21.03.2017 में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि इन्हें पंचायत स्तर पर योजनाओं की पहचान, लेआउट तैयार करना, मजदूरों को कार्य समझाना, मस्टर रोल का सत्यापन, कार्यों की मापी, तकनीकी अभिलेख संधारण सहित विभिन्न जिम्मेदारियां निभानी हैं। इसके बावजूद स्थानीय स्तर पर इन्हें उपेक्षित रखा गया है। पूरे औरंगाबाद क्षेत्र के बीएफटी का कहना है कि उन्हें तकनीकी रूप से प्रशिक्षित किए जाने के बावजूद उनके अधिकार व कर्तव्यों से दूर रखा गया है, जिससे उनका मनोबल टूट रहा है। उन्होंने विभाग से आग्रह किया है कि उन्हें पूर्व में दिए गए विभागीय निर्देश के अनुरूप कार्य सौंपा जाए और मानदेय में वृद्धि की जाए ताकि वे अपने परिवार का भरण-पोषण सम्मानपूर्वक कर सकें।